पब्लिश – 8 मार्च
एडिटिंग – 3 मई
एक पुरानी कहावत है “एक अनार सौ बीमार” आजकल बीसीसीआई भी कुछ ऐसी समस्या से गुजर रही | उसकी समस्या है खिलाड़ी सीमित और आयोजनों की भरमार | गर पैसा है बनाना तो कैसे करेंगे इंकार ?
बीसीसीआई के लिए समस्या है एशिया कप 2021 में पहले दर्जे की टीम भेजना,जिसका आयोजन इस साल जून के अंत में श्रीलंका में प्रस्तावित है | बस यही जून का महीना बीसीसीआई अधिकारियों के माथे पर अभी से पसीना ला रहा | आइये जानते हैं कैसे ?
अभी अभी इंग्लैंड से टेस्ट सीरीज जीत कर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली टीम इंडिया को 12 मार्च से 20 मार्च तक 5 टी 20 और फिर 23 से 28 मार्च के बीच तीन वन डे खेलने हैं | मतलब 5 फरवरी से शुरू होने वाली यह मैराथन श्रृंखला 28 मार्च को समाप्त होगी |
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खिलाड़ी अपनी थकान भी नहीं उतार पाएंगे कि तब तक 9 अप्रैल से आईपीएल का महाकुंभ शुरू हो जाएगा | अब भैया जब खिलाड़ी अपनी मर्जी से ख़ुशी ख़ुशी बिके हैं तो खेलना तो पड़ेगा ही | ये खेला 30 मई तक चलेगा |
उसके बाद भारत को 18 से 22 जून को लॉर्ड्स में न्यूज़ीलैण्ड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलना है | ऐसे में अगर एशिया कप ( टी 20 फॉर्मेट ) की तारीख आगे नहीं बढ़ती है तो बहुत संभावना है कि बीसीसीआई इसके लिए अपनी दूसरे दर्जे की टीम भेजे |यानि इस आयोजन से विराट,रोहित,शिखर,ऋषभ,बुमराह जैसे सितारे गायब रहेंगे |
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वैसे सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली बीसीसीआई यदि चाहे तो एशिया कप की तारीखें आगे बढ़वा सकती है,लेकिन इसकी सम्भावना कम है क्योंकि जय शाह एशियन क्रिकेट कॉउंसिल के अध्यक्ष हैं और गांगुली शाह के साथ शह और मात का खेल नहीं खेलना चाहेंगे | और न ही खिलाड़ी चाहेंगे कि उन्हें एक महीने के अंतराल में दो दो बार 14 दिन के लिए क्वारंटीन रहना पड़े जो कोरोना के खतरे को देखते हुए अनिवार्य है |
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कोरोना के खतरे को देखते हुए एशिया कप 2021 के आयोजन को स्थगित कर दिया गया है | अब इसका आयोजन अगले साल यानि 2022 में होने की संभावना है |