Suryakumar Yadav Struggle, Age, Stats. आज हम तमाम क्रिकेट कौशल से भरे खिलाड़ियों में से एक ऐसे खिलाड़ी की बात करने जा रहे हैं, जिसने राष्ट्रीय टीम तक जगह बनाने में काफी संघर्ष किया। इस खिलाड़ी ने टीम इंडिया में तब जगह बनायी जब इंग्लैंड-न्यूजीलैंड जैसे देशों के कई खिलाड़ी अपने रिटायरमेंट का प्लान बनाने में भी लग जाते हैं। लेकिन इस खिलाड़ी ने ना केवल भारतीय टीम में जगह बनायी बल्कि ऐसा खेल दिखा रहे हैं कि इनसे विरोधी टीमें खौफ खाने लगी हैं।
यहां हम जिक्र कर रहे हैं टीम इंडिया के नायाब हीरे सूर्यकुमार यादव की। जी हां… एक ऐसा सूर्य है जो आज के दौर में आसमान में खूब चमक रहा है, और अपने तप से दुनिया को दिखा रहा है कि इन्हें आने में भले ही बहुत देर हो चुकी हो, लेकिन वो अपने इस तप को कभी नहीं छोड़ सकता है।
सूर्या का संघर्ष
आमतौर पर खासकर भारत में देखा गया है कि कोई भी क्रिकेटर 18 से 22 साल की उम्र के बीच इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रख ही देता है, लेकिन मुंबई के इस बल्लेबाज के साथ ऐसा नहीं हुआ। घरेलू क्रिकेट में खूब संघर्ष करने के बाद आईपीएल के मंच पर भी कई सालों तक अपने आपको साबित किया और आखिरकार इन्हें करीब 31 वर्ष की उम्र में टीम इंडिया की जर्सी पहनने का सौभाग्य हासिल हुआ।
मुंबई के लिए 2010 से ही रणजी क्रिकेट में डेब्यू करने वाले सूर्यकुमार यादव को लेकर कोई नहीं जानता था कि वो भारतीय टीम में चुने जाएंगे और एक खतरनाक बल्लेबाज बन जाएंगे जिनके लिए विपक्षी टीमें अलग से रणनीति बनाने पर ही मजबूर हो जाएंगी। आगामी टी20 विश्व कप में सबसे ज्यादा नजरें इसी बल्लेबाज पर रहेंगी।
31 साल की उम्र में नेशनल कैप
इनके अब तक के एक छोटे से करियर की तरफ नजर डालें तो उन्होंने 14 मार्च 2021 को नेशनल कैप हासिल की। इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के पहले मैच में तो बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिल सका, लेकिन अहमदाबाद में ही दूसरे मैच में मौका मिलते ही छक्के के साथ अपने इंटरनेशनल करियर की स्कोरिंग शुरू की। इस पारी में सूर्या के बल्ले से 31 गेंद में शानदार 57 रन निकले, यहां से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
एक के बाद एक टी20 सीरीज में खेलते रहे और आज ये स्थिति हो चली है कि उनके बिना टीम इंडिया की टी20 टीम की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। वो अपने टी20आई करियर में अब तक 34 मैच खेल चुके हैं, जिसमें 32 पारियों में उन्होंने 5 बार नॉटआउट रहते हुए करीब 39 की औसत और 176.81 की खतरनाक स्ट्राइक रेट के दम पर 1045 रन बना चुके हैं। इस दौरान वो 1 शतक जड़ने के साथ ही 9 बार फिफ्टी बनाने का कमाल भी कर चुके हैं।
इतना ही नहीं वनडे फॉर्मेट में भी उन्हें अब टीम का धीरे-धीरे नियमित जगह मिलने लगी है, जहां उन्होंने 13 मैचों की 12 पारियों में 340 रन बनाए हैं। इस दौरान 2 बार नाबाद रहते हुए 34 की औसत अपने नाम दर्ज की है।
आईपीएल में प्रदर्शन
हम अब आपको ले चलते हैं इस उभरते खिलाड़ी के करियर के फ्लेश बैक की तरफ तो बताते हैं, कि 2010 में ही उन्होंने मुंबई के लिए तीनों ही फॉर्मट की शुरुआत कर दी जिसके बाद वो 2012 में हुनर की पहचान कराने वाले सबसे बड़े प्लेटफॉर्म इंडियन प्रीमियर लीग में नजर आए। यहां पहले सीजन में एक ही मैच खेल पाए। जिसके बाद 2013 में उन्हें कोई मौका नहीं मिला। यहां से उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ अपने कारवें को आगे बढ़ाया। 2014 से 2017 के सत्र तक वो इस टीम के अहम खिलाड़ी बन गए। लेकिन प्रदर्शन वैसा नहीं रहा कि उन्हें टीम इंडिया का टिकट दिला दे।
असली कहानी तो 2018 में शुरू हुई जब उन्हें अपनी होम टीम मुंबई इंडियंस ने खरीद लिया। फिर तो इस खिलाड़ी की वास्तविक पहचान हुई, जहां वो एक के बाद एक एडिशन में रनों का पहाड़ खड़ा कर रहे हैं। मुंबई के लिए 2018 में उनके बल्ले से 512 रन निकले। इसके बाद 2019 में 424 रन और 2020 में 480 रन बनाए। इसके बाद दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने पिछले 2 संस्करण में भी 300 से ज्यादा के स्कोर ही बनाए हैं।
कुछ महीनों पहले तक तो फैंस भारतीय टीम में आज के 3 सबसे बड़े बल्लेबाजी सुपरस्टार रोहित शर्मा (Rohit Sharma), विराट कोहली(Virat Kohli) और केएल राहुल को स्तंभ मानने लगे थे, जिनके बिना टीम को जीत की गारंटी नहीं मिल सकती, लेकिन अब इस मुंबईकर खिलाड़ी के आने से इस त्रिमूर्ति से ज्यादा चर्चा थोड़ी फिकी पड़ गई है। क्योंकि ना केवल फैंस बल्कि क्रिकेट एक्सपर्ट और बाकी टीमें भी सूर्या पर ही नजरें बनाए हुए हैं।