अपडेटेड : 14 अक्टूबर 2023
ODI World Cup 2023 IND vs PAK: मैदान में नमाज पढ़ना सही तो फिर स्टेडियम में जय श्री राम के नारे कैसे गलत ?. वो आए, भारत में उनका अभूतपूर्व स्वागत हुआ, उन्हें अच्छी बिरयानी खिलाई गई वो इस मेहमाननवाजी से अभिभूत भी हुए लेकिन उन्होंने अपने रिकॉर्ड को बरक़रार रखा | अज़हरुद्दीन से लेकर रोहित तक उनका इंतजार और लंबा हुआ | यानी वनडे विश्व कप में भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तान (India vs Pakistan) आठवां मैच भी हार गया | और हारा भी ऐसे वैसे नहीं बहुत अच्छे से, इतने अच्छे कि मेन इन ब्लू अंक तालिका में न्यूज़ीलैंड को पछाड़कर पहले स्थान पर पहुँच गई |
चलिए ये तो था सारंश अब थोड़ा इसके विस्तार में जाते हैं | अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की रिकॉर्ड भीड़, दो चिर प्रतिद्वंदी, बड़ी हस्तियां, उत्साहित प्रशंसक और इन सबके बीच विश्व कप 2023 (ODI World Cup 2023) का 12वां मैच | रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने टॉस जीता और अच्छे मेहमान की तरह बाबर आज़म को कहा पहले आप | वो आए तो थे ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने की मंशा से, लेकिन बुमराह से लेकर जडेजा और सिराज से कुलदीप तक सबने पाकिस्तानी बल्लेबाजों को रनों के लिए तरसा दिया, और ऐसा तरसाया कि उनकी इनिंग में एक छक्का तक नहीं लग सका |
खैर ये सब तो ठीक था लेकिन सभी क्रिकेट फैंस ये ये उम्मीद कर रहे थे कम से कम पाक टीम 250 का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करेगी | शुरुआत में लग भी रहा था फिर अपने कुल के दीप यानि कुलदीप ने उन्हें एक ओवर में दो जोर का झटका धीरे से दिया | बाबर की टीम ने 191 तक पहुँचते-पहुँचते समर्पण कर दिया ठीक उसी तरह जैसे वहाँ की सेना ने भारतीय सेना के सामने 1965, 71 और 1999 में किया था |
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भारत ने 191 का लक्ष्य ऐसे पूरा किया मानो उनकी फ्लाइट छूट रही हो मतलब सिर्फ 30.3 ओवर में | रोहित की सेना ने पाक को 7 विकेट से रौंदकर देशवासियों को नवरात्रे का तोहफा दे दिया |
इस मैच के बाद विवाद क्यों हुआ ?
पाकिस्तान की टीम ने इससे पहले श्रीलंका को 345 रनों के एक रिकॉर्ड रन चेज में 6 विकेट से मात दी थी | इस जीत में मोहम्मद रिज़वान ने 121 गेंदों में नाबाद 131 रन बनाए और जीत के बाद अपने शतक को शांतिपूर्ण गाजा के लोगों को समर्पित किया | बस फिर क्या था लोग पिल पड़े ट्विटर पर | कहीं समर्थन कहीं विरोध | उसके पहले मोहम्मद रिज़वान ने नीदरलैंड के खिलाफ मैच में मैदान पर नमाज पढ़ा था | आईसीसी के रूल बुक में इस बारे में कोई स्पष्ट आचार संहिता नहीं है लेकिन सोशल मीडिया में मैदान पर रिज़वान की नमाज ने खूब सुर्खियां बटोरी |
14 अक्टूबर के मैच में जब रिज़वान बुमराह की गेंद पर आउट होने के बाद पवेलियन लौट रहे थे तब कुछ फैंस ने जय श्री राम के नारे लगाए | बस फिर क्या था भारत के अनेकों सेक्युलरिस्टों का प्रेम रिज़वान के लिए उमड़ पड़ा | ये वही लोग थे जो कुछ दिन पहले पाकिस्तान टीम के शानदार स्वागत के लिए जय शाह को कोस रहे थे | सीमा पार से भी नारे लगाने वाले फैंस के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई |
इस विवाद के पक्ष-विपक्ष में नेता भी कूदे | उदयनिधि स्टालिन जिनकी हिंदू आस्था और राम से चिढ़ जगजाहिर है ने ट्विटर पर लिखा, “खेल को देशों के बीच एकजुट करने वाली शक्ति बनना चाहिए और सच्चे भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए। इसे नफरत फैलाने के औज़ार के तौर पर इस्तेमाल करना निंदनीय है”
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने लिखा ” पूरा स्टेडियम जय श्री राम के मंत्र उच्चारण से मंत्रमुग्ध हो गया फिर जो आगे हुआ वो हम सबने देखा “
खेल को धर्म और राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए लेकिन जब कोई खिलाड़ी यूँ मैदान पर नमाज पढ़े तो ख़ामोशी और फैंस स्टेडियम में जय श्री राम के नारे लगाएं तो बेहूदगी | ये दोहरा मापदंड क्यों ? वैसे भी खेल अब सिर्फ खेल नहीं रहा, इसमें राजनीति, कूटनीति, धन और धर्म सबका समावेश हो गया है | आईसीसी स्टेडियम में लाखों भीड़ की भावनाओं के ज्वार को नहीं रोक सकती लेकिन मैदान में किसी खिलाड़ी आचरण के लिए कोई कोड ऑफ़ कांटेक्ट तो बना ही सकती है |
डिस्क्लेमर – ये लेखक के निजी विचार हैं, स्पोर्ट्सगंगा इस बारे में अपनी कोई राय नहीं रखता |