जब कोई खिलाड़ी या टीम बहुत बड़े अंतर से किसी खेल में पीछे रह जाती है तो उसे या टीम को यह बात इतनी नहीं सालती लेकिन जरा सी चूक से पदक से वंचित रह जाना बहुत कष्टदायक होता है और वो भी तब जब ऐसी चूक विश्व के सबसे बड़े खेल महाकुंभ ओलंपिक में हो तो इसका मलाल जीवन भर रह जाता है | ऐसा हर ओलंपिक में हर देश के खिलाड़ी और प्रतिस्पर्धा में होता है | जरा सी चूक और आपके हाथ से कांस्य पदक निकल जाता है |
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भारतीय खिलाड़ियों के पदक से चूकने का इतिहास महान धावक मिल्खा सिंह से शुरू होता है जो 1960 के रोम ओलंपिक में 400 मीटर की दौड़ में चौथे स्थान पर रहे थे | पीटी उषा 1984 लॉस एंजेलेस,कुंजरानी देवी,पेस और भूपति -2004 एथेंस, जॉय दीप करमाकर – 2012 लंदन,अभिनव बिंद्रा,दीपा करमाकर,सानिया मिर्जा,रोहन बोपन्ना – 2016,रियो ओलंपिक |
भारत के खिलाड़ियों ने Tokyo Olympics 2021 में शानदार प्रदर्शन करते हुए नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक सहित 7 पदक जीते | 4 कांस्य 2 रजत और एक स्वर्ण | जबकि 2016 के रियो ओलंपिक में भारत को केवल दो पदक मिले थे,1 रजत,1 कांस्य |
आइये जरा नजर डालते हैं उन खेलों,खिलाडियों पर जो इस बार चौथे स्थान पर रहे
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1 – भारतीय महिला हॉकी टीम – पुरुष हॉकी टीम ने जहाँ 41 वर्षों बाद जर्मनी को हराकर कांस्य पदक जीता वहीं हमारी महिला टीम पहली बार ओलंपिक हॉकी के सेमी फाइनल में पहुँची | दुर्भाग्यवश कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में वो इंग्लैंड की टीम से 3-4 से हार गई |
2 – अदिति अशोक – भारतीयों के लिए गोल्फ वैसा ही है जैसे अमरीकियों के लिए क्रिकेट | लेकिन इस ओलंपिक में अदिति ने अपने शानदार प्रदर्शन से हरेक देशवासियों का ध्यान अपनी और इस खेल की ओर आकर्षित किया | अंतिम राउंड में वो चौथे स्थान पर रहीं |
3 – दीपक पुनिया – फ्री स्टाइल कुश्ती में 86 किलोग्राम की प्रतिस्पर्धा में दीपक,एक छोटे से मुल्क सन मारिनो के माइल्स अमीने से हारकर कांस्य पदक से चूक गए |